छलवेजा गोत्र (Chhalveja Surname)
छलवेजा (Chhalveja) गौत्र (उपनाम) Arora-Khatri समुदाय से हैं। महान ग्रंथों के अनुसार, Chhalveja (खत्री) सूर्यवंशी हैं और भगवान राम के वंशज भी हैं। Chhalveja क्षत्रिय वर्ग में आते हैं। अधिकांश Chhalveja गोत्र के लोग दोहरे विश्वास वाले हिंदू हैं। वे हिंदू और सिख दोनों धर्मों को मानते हैं। वे बहुत पढ़े-लिखे और अच्छे लोग हैं। वे भारत और दुनिया में एक प्रभावशाली समुदाय बनने में भी कामयाब रहे है।
14 अगस्त 1947, इतिहास का वह दिन जिसने देशवासियों को ऐसी पीड़ा दी कि वे इसे कभी नहीं भूल पाएंगे। इस दिन भारत को दो भागों में बांटा गया था। देश के भूगोल] समाज और संस्कृति के कई टुकड़े हो गये थे। यह Arora-Khatri और सिखों के लिए सबसे कठिन दौर था। जब उन्हें अपनी जमीन-जायदाद और अपनों को छोड़कर जाना पड़ा था। आजादी से पहले ही हमारे देश के मुस्लमान अपने लिए अलग देश चाहते थे, लेकिन विभाजन इतना भी आसान नहीं था।
कई Arora-Khatri एवं सिखों के मोहल्लों पर मुस्लमानों ने कब्जा कर लिया था और महिलाओं पर भी अत्याचार किये गये थे। उसके बाद भी उनके जीवन का सफर इतना आसान नहीं था, उन्हें घर के बचें हुए जीवित सदस्यों के साथ नई जगह, नए लोगों और नए व्यवसाय से जीवन की दोबारा शुरुआत करनी थी। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, किसी भी काम को छोटा या बड़ा नहीं समझा। आज वे न केवल अपने लिए बल्कि अपने समाज एवं देश को दुनिया में एक उच्च स्थान पँहुचाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
आज Chhalveja भारत के सभी क्षेत्रों में रहते हैं, लेकिन वे ज्यादातर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में केंद्रित हैं। वे भारत और दुनिया में एक प्रभावशाली समुदाय बनने में कामयाब रहे है। Chhalveja लोग भले ही आधुनिक हों, लेकिन उनकी परंपराओं और मूल्यों के साथ उनका बहुत गहरा संबंध है। Chhalveja लोगों को अपनी भारतीय विरासत पर गर्व है और उन्होंने भारतीय संस्कृति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज Chhalveja प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, वित्त, व्यवसाय, इंजीनियरिंग, शिक्षा, निर्माण, मनोरंजन और सशस्त्र बल आदि कई क्षेत्रों में अपना ध्वज फहरा रहे हैं।
Chhalveja लोग अन्य जातियों के बारे में भी बहुत सकारात्मक हैं। Chhalveja लोग सच्चे वैश्विक नागरिक हैं। Chhalveja काफी मिलनसार होते हैं और जब हम दोस्ती और मानवता की बात करते हैं तो Chhalveja जाति को आगे पाते है। वे खुले दिल से सभी को स्वीकार करते हैं। Chhalveja इतने उदार और मस्त रहने वाले हैं कि वे पूरी दुनिया में कहीं भी अपनी छाप छोड़ जाते हैं।
Punjabi Culture
Chhalveja गोत्र के लोगों में मजबूत पंजाबी संस्कृति पाई जाती है। अद्वितीय, असाधारण, दुनिया भर में लोकप्रिय, पंजाबी संस्कृति वास्तव में जबरदस्त है। रंगीन कपड़े, ढोल, एवं भगड़ा अत्यंत ऊर्जावान और जीवन से भरपूर है। वे स्वादिष्ट भोजन, संगीत, नृत्य और आनंद के साथ त्योहारों को बड़े उत्साह के साथ मनाते है। पंजाबी खाना जायके और मसालों से भरपूर होता है। रोटी पर घी ज्यादा होना, खाने को और अधिक स्वादिष्ट बना देता है। लस्सी को स्वागत पेय के रूप में भी जाना जाता है। मक्के दी रोटी और सरसों दा साग पंजाबी संस्कृति का एक और पारंपरिक व्यंजन है। छोले भटूरे, राजमा चावल, पनीर टिक्का, अमृतसरी कुलचे, गाजर का हलवा, और भी कई तरह के खाने के व्यंजन हैं!
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