हिंगलाज माता की महिमा और शक्ति केवल भारत या पाकिस्तान तक सीमित नहीं है। माता की पूजा और भक्ति पूरी दुनिया में फैली हुई है। आधुनिक युग में, भारत के अलावा दुनिया भर में बसे हिन्दू समुदाय माता के प्रति अपनी गहरी आस्था बनाए हुए हैं।
आज के समय में, खत्री समुदाय के साथ-साथ अन्य हिन्दू जातियाँ भी हिंगलाज माता के प्रति अपार श्रद्धा रखती हैं। विशेष रूप से भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, और श्रीलंका के साथ-साथ अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में बसे हिन्दू परिवार हिंगलाज माता की पूजा करते हैं। नवरात्रि और अन्य धार्मिक पर्वों के दौरान माता के मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाते हैं और विदेशी भक्त भी इसमें भाग लेते हैं।
विदेशों में रहने वाले हिन्दू भक्त न केवल व्यक्तिगत पूजा-अर्चना करते हैं, बल्कि सामुदायिक स्तर पर भी माता के उत्सव मनाते हैं। कई प्रवासी भारतीय अपने धार्मिक केंद्रों और मन्दिरों में हिंगलाज माता की विशेष पूजा आयोजित करते हैं, जहाँ माता के भजन, कीर्तन, और कथा पाठ का आयोजन होता है।
हिंगलाज माता का मुख्य मंदिर आज भी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है। यह मंदिर पाकिस्तान के सबसे प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थस्थलों में से एक है। हिंगोल नदी के किनारे और मकरान तट के पास स्थित यह मंदिर एक प्राकृतिक गुफा में बना हुआ है, जहाँ देवी के दर्शन के लिए हर वर्ष हजारों भक्त आते हैं।
हालांकि यह मंदिर पाकिस्तान में है, फिर भी यहाँ भारतीय और अन्य विदेशी हिन्दू भक्त बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। विशेष रूप से नवरात्रि के समय मंदिर में एक विशेष मेला लगता है, जिसमें सिंध, बलूचिस्तान और कराची के हिन्दू समुदाय के लोग शामिल होते हैं। इस मंदिर की यात्रा कठिन होने के बावजूद, भक्तों की आस्था इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बनाती है।
मंदिर की संरचना आज भी मूल रूप में बनी हुई है। यहाँ की पूजा विधि और आराधना भी पारंपरिक रूप से की जाती है, जिसमें भक्त देवी के गुफा मंदिर के भीतर जाकर उनकी पूजा करते हैं। मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में कई सुधार हुए हैं ताकि तीर्थयात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखा जा सके, लेकिन फिर भी इस मंदिर की भव्यता उसकी सरलता और प्राकृतिक स्थिति में निहित है।
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