हालांकि हिंगलाज माता को विशेष रूप से खत्रीयों की कुलदेवी माना जाता है, लेकिन उनकी पूजा ब्राह्मणों सहित अन्य हिन्दू जातियों में भी प्रचलित है। विभिन्न हिन्दू समुदायों में माता को शक्ति का प्रतीक माना जाता है और उनके प्रति श्रद्धा अपार है।
ब्राह्मण समाज में हिंगलाज माता को महाशक्ति के रूप में पूजा जाता है। प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में माता को आदि शक्ति और सृष्टि की मूल शक्ति के रूप में वर्णित किया गया है। ब्राह्मण समाज के लोग देवी की पूजा विभिन्न धार्मिक अवसरों पर करते हैं, विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान। उनकी पूजा विधि में मंत्रोच्चारण, हवन, और माता के विशेष स्तोत्रों का पाठ प्रमुख होते हैं।
इसके अतिरिक्त, वैश्य, शूद्र, और अन्य जातियों में भी हिंगलाज माता की पूजा की जाती है। इन जातियों के लोग माता के चरणों में अपनी आस्था अर्पित करते हैं और जीवन में समृद्धि, शांति, और सुरक्षा की कामना करते हैं। विभिन्न समुदायों में यह मान्यता है कि माता की कृपा से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और जीवन की सभी समस्याओं का समाधान मिलता है।
हिंगलाज माता का शक्तिपीठ पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है, जो कि अब हिन्दू समाज का एक धार्मिक तीर्थस्थान है। हालांकि यह स्थान पाकिस्तान में स्थित है, लेकिन भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में माता के प्रति गहरी आस्था और भक्ति परंपरा विद्यमान है।
पाकिस्तान में भक्ति परंपरा: पाकिस्तान में हिंगलाज माता का मंदिर एकमात्र ऐसा हिन्दू तीर्थस्थल है, जहाँ पाकिस्तान के हिन्दू समुदाय की गहरी आस्था है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान और सिंध प्रांतों में हिंगलाज माता की भक्ति व्यापक रूप से फैली हुई है। यहां हर साल विशेषकर नवरात्रि के समय हिंगलाज माता के मंदिर में हजारों हिन्दू श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं। पाकिस्तान के हिन्दू समुदाय में माता की पूजा एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा के रूप में की जाती है।
इस तीर्थ यात्रा को लेकर पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में बसे हिन्दू समुदाय, विशेषकर बलूचिस्तान और सिंध के लोग, यात्रा करते हैं। उनके लिए हिंगलाज माता के दर्शन करना एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुभव होता है, जो उनकी जीवन यात्रा में आध्यात्मिक शांति और आस्था का प्रतीक होता है।
भारत में भक्ति परंपरा: भारत में, हिंगलाज माता के प्रति भक्ति का विशेष स्थान है। हालांकि माता का मंदिर पाकिस्तान में स्थित है, फिर भी भारतीय हिन्दू समाज में माता के प्रति अपार श्रद्धा है। भारत में अनेक स्थानों पर हिंगलाज माता के छोटे-छोटे मंदिर और पूजा स्थल बनाए गए हैं, जहाँ श्रद्धालु नियमित रूप से माता की पूजा करते हैं।
खासकर राजस्थान, गुजरात, पंजाब, और हरियाणा जैसे राज्यों में हिंगलाज माता की पूजा व्यापक रूप से प्रचलित है। खत्री समाज के अलावा, अन्य हिन्दू जातियाँ भी देवी की आराधना करती हैं। हर साल नवरात्रि के समय विशेष पूजा आयोजन होते हैं, जिनमें माता के नाम के भजन और आरती गाई जाती हैं।
भारत में जो लोग पाकिस्तान स्थित हिंगलाज तीर्थ यात्रा नहीं कर सकते, वे यहाँ के मंदिरों में जाकर माता की पूजा करते हैं। विभिन्न धार्मिक संगठनों और समुदायों द्वारा माता की पूजा और आयोजन किए जाते हैं। इसके अलावा, इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से भी माता की भक्ति परंपरा को जीवंत रखा गया है, जहाँ लोग ऑनलाइन माता के भजन सुनते हैं और उनके जीवन से जुड़ी कथाओं का अध्ययन करते हैं।
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